Journalist @ Punjab kesari. Nature lover, Writer & Educationist (Proposed India School)

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Sunday, 21 January 2018

बवाना आग कांड से ध्यान भटकाने के लिए विधायकों को अयोग्य घोषित करने का नोटिफिकेशन


-विधायक हुए अब पूर्व विधायक

ऑफिस ऑफ प्रोफीट (लाभ का पद) मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इन्हें राष्ट्रपति द्वारा अयोग्य घोषित किया गया है। इस बाबत केंद्रीय कानून मंत्रालय ने इन विधायकों की अयोग्यता संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया है। लेकिन नोटिफिकेशन जारी करने के समय को लेकर ही अब सवाल खड़े होने लगे हैं। कहा जा रहा है कि विशुद्ध राजनीति के तहत ही इस नोटिफिकेशन को जारी कर विधायकों को अयोग्य घोषित किया ताकि इसी लोकर चर्चा बनी रहे है। और दिल्ली नगर निगम की सत्ता में काबिज भाजपा बवाना आग कांड की राजनीति से बच जाए। क्योंकि नॉर्थ एमसीडी की मेयर प्रीति अग्रवाल के बारे में कहा जा रहा है कि बवाना में आग की घटना में 20 लोगों की मौत के बाद मेयर ने लाइसेंस के संबंध में कोई भी बयान नहीं दिया है। साथ ही अधिकारियों और दूसरे नेताओं को भी हिदायत दी कि लाइसेंस पर कोई बात न करे। लिहाजा पार्टी ने भी निगम में पार्टी और नेताओं की छावि को बचाए रखने व बवाना मामले से ध्यान भटकाने के लिए रविवार को नोटिफिकेशन जारी कराया। बता दें कि दो दिन पूर्व ही चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को आप के 20 विधायकों को लाभ का पद मामले में अयोग्य घोषित करने की  सिफारिश की थी। इसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। जिसके बाद दिल्ली में अब आम आदमी पार्टी के 66 में से अब 46 विधायक ही बच गए हैं। हालांकि अयोग्य घोषित संबंधी नोटिफिकेशन आने के बाद पार्टी ने एक फिर कोर्ट जाने का मन लिया है।

अयोग्य विधायक
शरद कुमार (नरेला विधानसभा)
सोमदत्त (सदर बाजार)
आदर्श शास्त्री (द्वारका)
अवतार सिंह (कालकाजी)
नितिन त्यागी (लक्ष्मी)
अनिल कुमार बाजपेयी (गांधी नगर)
मदन लाल (कस्तूरबा नगर)
विजेंद्र गर्ग विजय (राजेंद्र नगर)
शिवचरण गोयल (मोती नगर)
संजीव झा (बुराड़ी)
कैलाश गहलोत (नजफगढ़)
सरिता सिंह (रोहताश नगर)
अलका लांबा (चांदनी चौक)
नरेश यादव (महरौली)
मनोज कुमार (कौंडली)
राजेश गुप्ता (वजीरपुर)
राजेश ऋषि (जनकपुरी)
सुखबीर सिंह दलाल (मुंडका)
जरनैल सिंह (तिलक नगर)
प्रवीण कुमार (जंगपुरा)

क्यों गई विधायकी
आप की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने मार्च 2015 में 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था। लेकिन प्रशांत पटेल नाम के वकील ने इसे लाभ का पद बताते हुए राष्ट्रपति के पास शिकायत करने के साथ ही इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। इनमें से एक विधायक जनरैल सिंह पिछले साल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर पंजाब में चुनाव लड़ा। सिंह के इस्तीफा देने से इनकी संख्या 20 हो गई थी। साथ ही केंद्र सरकार ने भी संसदीय सचिव बनाए जाने के फैसले का विरोध किया। सरकार ने इसके पीछे तर्क दिया था कि सिर्फ एक ही संसदीय सचिव हो सकता है और उसकी नियुक्ति मुख्यमंत्री के पास हो।

Thursday, 18 January 2018

क्या जीएसटी के दायरे में लाया जा सकेगा पेट्रोल-डीजल
File Foto

एक समय था जब केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार थी और भाजपा विपक्ष में। पेट्रोल, डीजल व गैस सिलेंडरों के रेट में बढ़ोत्तरी को लेकर खूब राजनीति हुई। भाजपा नेताओं ने इसके विरोध में देश भर में प्रदर्शन किया। वर्तमान में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी उस समय जमकर प्रदर्शन व कांग्रेस सरकार के विरोध में हल्ला बोला। खुद ही ईरानी गैस सिलेंडरों को लेक
र प्रदर्शन करती दिखाई देती थी। लेकिन आज जब पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर के पार पहुंच चुकी है। देश भर में इसे लेकर लोग खासे परेशान हैं। भाजपा इसे लेकर तनिक भी गंभीर दिखाई नहीं दे रही है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी कहीं नजर नहीं आ रही हैं। विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी इस मामले को तवज्जों नहीं दे रही है।
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बजट से पहले जीएसटी काउंसिल की बैठक में भी इसे लेकर गंभीरता नहीं दिखी। वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने अगली बैठक में विचार किया जाएगा। जानकार बताते हैं कि राज्यों के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा पेट्रोल और डीजल से आता है। इन दोनों ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने से राज्यों की कमाई बहुत कम हो जाएगी। इसका असर आर्थिक रूप से कमजोर राज्यों पर पड़ेगा।

29 वस्तुओं पर जीएसटी में कटौती
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आम बजट से पहले 18 जनवरी को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक ने 29 वस्तुओं और 54 श्रेणी की  सेवाओं पर जीएसटी की दरों में कटौती को मंजूरी दे दी है। इस दौरान जेटली ने यह भी जानकारी दी कि परिषद की अगली बैठक में जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल करने की मंजूरी दी जाएगी। इतना ही नहीं, रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को आसान करने को लेकर नंदन नीलेकणि ने एक प्रजेंटेशन भी पेश किया। आगामी 1 फरवरी से इंटर स्टेट ई-वे बिल की व्यवस्था देश भर में शुरू हो जाएगी। 15 राज्यों ने भी ई-वे बिल की व्यवस्था भी शुरू करने की बात कही है।

बवाना आग कांड से ध्यान भटकाने के लिए विधायकों को अयोग्य घोषित करने का नोटिफिकेशन -विधायक हुए अब पूर्व विधायक ऑफिस ऑफ प्रोफीट (लाभ का...