Journalist @ Punjab kesari. Nature lover, Writer & Educationist (Proposed India School)

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Wednesday, 17 January 2018

चीन याद करे डोकलाम

- राजेश रंजन सिंह



चीन को भारत- इजराइल की दोस्ती रास नहीं आ रही है। शायद यही वजह है कि चीन युद्धोन्माद फैलाने वाले बयान देने में जरा सी भी देरी नहीं करता है। बुधवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ जब भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि डोकलाम में चीनी सैनिक अभी भी मौजूद हैं। लेकिन उसैनिकों की संख्या अब पहले के मुकाबले कम है। यह बयान सुनते ही चीन ने भी जनरल के बयान को भारतीय कूटनीति की अपरिपक्वता करार दे दिया। साथ ही यह भी कह दिया कि भारत इसी तरह उकसाने वाला बयान देता रहा तो चीनी सेना उसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स नेसंपादकीय में जनरल रावत के बयान का हवाला देते हुए प्रतिक्रिया दी है कि शायद भारत डोकलाम में मिले सबक को भूल गया है। चीन का मुकाबला करने के लिए भारत को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसलिए बेहतर यही होगा कि वह बीजिंग द्वारा अपनाई गई दोस्ताना नीति पर चलता रहे।

चीनी सेना हटी थी पीछे
चीनी सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स शायद भूल गया है कि पीछे चीनी सैनिकों को हटना पड़ा था। इसमें भारत की कुटनीतिक जीत हुई थी। बावजूद इसके उल्टे चीन भारत को नसीहत और याद दिला रहा है। चीन शायद यह भी भूल गया है कि भारत अब इंडिया भी बन चुका है जिसकी पहचान इंटरनेशनल लेवल पर है। इकॉनोमी से लेकर डिफेंस, टेक्नोलॉजी, एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी विकास बहुत तेजी से हो रहा है।
पाकिस्तान पर अमेरिका का सख्त रवैया अपनाना भी भारत की इंटरनेशनल लेवल पर बनी अच्छ इमेज को दर्शाता है। दुनिया का हर देश आद भारत की ओर ललचाई आंखों से देख रहा है। लेकिन चीन और पाकिस्तान आज भी 1947 का ही भारत समझ रहे हैं।

Tuesday, 16 January 2018

रायसिना डायलॉग में बोले नेतान्याहू

- राजेश रंजन सिंह 


Israel PM Netanyahu at
आगरा में ताज का दीदार करने के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू वापिस दिल्ली पहुंचे। नेतान्याहू ने दिल्ली में रायसिना डायलॉग में लोगों को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद रहीं। इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रैंस में लगभग 150 वक्ता और लगभग 550 डेलीगेट्स भी अपने विचार रखेंगे। रायसिना डायलॉग का आयोजन संयुक्त रूप से मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफैयर्स और ऑब्र्जवर रिसर्च फाउंडेशन ने किया था। रायसिना डायलॉग के तीसरे संस्करण का थीम मैनेजिंग डिस्रप्टिव ट्रांजिसंस: आइडियाज, इंस्टीट्यूसंस एंड इडम्स रखा गया था।
रायसिना डायलॉग को संबोधित करते हुए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा कि मैं यह जानकर बेहद चकित हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में इंडिया की रैकिंग को पिछले तीन साल के दौरान ही 42वें रैंक पर ला दिया है। साथ ही उन्होंन कहा कि हमें ब्यूरोक्रेसी की पावर को भी कुछ हद तक कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक इकोनॉमिक पावर बनने के लिए ब्यूरोक्रेसी की पावर को कम करना, टैक्सो को सिम्प्लीपाई करना बेहद आवश्यक है। भारत और इजरायल को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए ब्यूरोक्रेसी में कमी करनी होगी।

 

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