बिना सब्सिडी होगी अब हज यात्रा
- राजेश रंजन सिंह
भारत में अब हज यात्रा करने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया गया है। इससे जहां भारत सरकार को सालाना लगभग 700 करोड़ की बचत होगी तो वहीं हज यात्रा करने वाले यात्रियों को इस सुविधा से महरूम होना पड़ेगा। हज सब्सिडी खत्म करने का फैसला नरेंद्र मोदी की अगुवाई केंद्र सरकार ने लिया है। अभी तक केंद्र सरकार हर साल एक लाख 75 हजार हज यात्रियों को सब्सिडी देती थी।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने हज यात्रियों को सब्सिडी नहीं देने का फैसला किया है। सब्सिडी खत्म करने के पीछे सरकार का तर्क है कि हज यात्रा के लिए मिलने वाली सब्सिडी का लाभ गरीब और जरूरतमंद मुसलमानों को नहीं मिलता था। बता दें कि देश की आजादी के हज सब्सिडी खत्म करने का फैसला पहली बार लिया गया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि सरकार एक नई योजना भी बना रही है जिसके तहत भविष्य में भारतीय हज यात्री समुद्री मार्ग से भी हज जा सकेंगे। सऊदी अरब सरकार भी भारत से पानी के जहाज से हज यात्रा दोबारा शुरू किए जाने को हरी झंडी दे चुकी है।
शिक्षा पर खर्च होगी सब्सिडी
हज सब्सिडी फंड का इस्तेमाल अब अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा देने के लिए किया जाएगा। इसका मकसद इस समुदाय में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना है। बता दें कि साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अगले 10 वर्षो में हज पर दी जाने वाली सब्सिडी को करने का निर्देश केंद्र सरकार को दिया था। इतना ही नहीं, जस्टिस आफताब आलम की अगुवाई वाली बेंच ने प्रति वर्ष मक्का भेजे जाने वाले सद्भावना शिष्टमंडल के सदस्यों की संख्या भी घटा दी थी।
एयरलाइंस की मनमानी पर लगाम लगाए सरकार
हज सब्सिडी खत्म करने के फैसले को कुछ ने सराहा है तो कुछ ने इसकी आलोचना भी की है। कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल का कहना कि सरकार का दिया तर्क कि हज सब्सिडी फंड से एजेंटों और कुछ कंपनियों को फायदा होता था, बिल्कुल गलत और बेबुनियाद है। बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि साल 2012 से ही हज सब्सिडी खत्म करने की शुरुआत हुई थी। मोदी सरकार ने उसी फैसले को आगे बढ़ाया है। हालांकि कुछ मुस्लिम संगठनों ने सरकार के इस कदम को सराहा भी है। लेकिन इसके साथ ही एक मांग भी उठा दी है। उनका कहना है कि एयरलाइंस आम दिनों की मुकाबले हज के दिनों में किराया लगभग दोगुना कर देते हैं। केंद्र सरकार इस दौरान एयरलाइंस की मनमानी को खत्म करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास करे।
#Haj #hajsubsidyends #Hajpilgrims #HajSubsidy
#Modi
- राजेश रंजन सिंह
भारत में अब हज यात्रा करने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया गया है। इससे जहां भारत सरकार को सालाना लगभग 700 करोड़ की बचत होगी तो वहीं हज यात्रा करने वाले यात्रियों को इस सुविधा से महरूम होना पड़ेगा। हज सब्सिडी खत्म करने का फैसला नरेंद्र मोदी की अगुवाई केंद्र सरकार ने लिया है। अभी तक केंद्र सरकार हर साल एक लाख 75 हजार हज यात्रियों को सब्सिडी देती थी।
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हज यात्रा करने वाली सब्सिडी खत्म |
शिक्षा पर खर्च होगी सब्सिडी
हज सब्सिडी फंड का इस्तेमाल अब अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा देने के लिए किया जाएगा। इसका मकसद इस समुदाय में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना है। बता दें कि साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अगले 10 वर्षो में हज पर दी जाने वाली सब्सिडी को करने का निर्देश केंद्र सरकार को दिया था। इतना ही नहीं, जस्टिस आफताब आलम की अगुवाई वाली बेंच ने प्रति वर्ष मक्का भेजे जाने वाले सद्भावना शिष्टमंडल के सदस्यों की संख्या भी घटा दी थी।
एयरलाइंस की मनमानी पर लगाम लगाए सरकार
हज सब्सिडी खत्म करने के फैसले को कुछ ने सराहा है तो कुछ ने इसकी आलोचना भी की है। कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल का कहना कि सरकार का दिया तर्क कि हज सब्सिडी फंड से एजेंटों और कुछ कंपनियों को फायदा होता था, बिल्कुल गलत और बेबुनियाद है। बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि साल 2012 से ही हज सब्सिडी खत्म करने की शुरुआत हुई थी। मोदी सरकार ने उसी फैसले को आगे बढ़ाया है। हालांकि कुछ मुस्लिम संगठनों ने सरकार के इस कदम को सराहा भी है। लेकिन इसके साथ ही एक मांग भी उठा दी है। उनका कहना है कि एयरलाइंस आम दिनों की मुकाबले हज के दिनों में किराया लगभग दोगुना कर देते हैं। केंद्र सरकार इस दौरान एयरलाइंस की मनमानी को खत्म करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास करे।
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